उर्दू कहाणी


टोबा टेकसिंघ

- सआदत हसन मंटो



बंटवारै रै दो-तीन बरसां पछै पाकिस्तान अर हिन्दुस्तान री सरकारां रै विचार आयौ कै आम कैदîां री भांत पागल कैदîां रौ र्इ तबादलौ हुवणौ चाहीजै। इंयां कै जकौ मुसळमांन पागल हिन्दुस्तान रै पागलखांनै मांय है, वींनै पाकिस्तान पूगाइजै अर जकौ हिन्दू कै सिक्ख पाकिस्तान रै पागलखांनै मांय है, वींनै हिन्दुस्तान नै सूंपीजै।
ठाह नीं आ बात आच्छी ही कै नीं। पण, स्याणां रै फैसलै मुजब अठीनै-वठीनै ऊंचै दरजै री कांफ्रेस हुर्इ अर छेकड़ अेक दिन पागलां रै तबादलै सारू थरपीजगौ। चोखी भांत जांच करीजी। वै मुसळमांन पागल, जकां रा घरवाळा हिन्दुस्तान मांय हा, वठै-र्इ राखीजा अर जका दूजा हा, वांनै सींव पार बहीर करीजा। अठै पाकिस्तान सूं, लगैटगै हिन्दू-सिक्ख गया परा, इणी कारणै किणीनै राखणै-बहीर करणै रौ सवाल-र्इ ऊभौ नीं हुयौ। जका हिन्दू-सिक्ख पागल हा, सैंग-रा-सैंग पुलिस री देखरेख मांय सींव माथै पूगाइजा। वठीनै री ठाह नीं, पण अठीनै लाहौर रै पागलखांनै मांय जद इण तबादलै री खबर पूगी तद बडी अजब-गजब अर इचरज वाळी बात हुवणै लागी। अेक मुसळमांन पागल, जकौ बारह बरसा सूं रोजीनै बाकायदी रै साथै जमींदार पढ़तौ, वीं सूं तद वीं रै भायलै बूझîौ, ''मौलवी साब, औ पाकिस्तान के हुवै? तद वीं खासै सोच-विच्यार पछै उथळौ दियौ, ''हिन्दुस्तान मांय अेक अैड़ी ठौड़, जठै उस्तरा बणै।
औ उथळौ सुणनै वींरै भायलै रौ जीसोरौ हुयौ।
इणी भांत अेक दिन अेक सिक्ख पागल दूजै सिक्ख पागल सूं बूझîौ, ''सरदारजी, आपांनै हिन्दुस्तान क्यूं घालीजै? आपांनै तौ वठै री बोली-र्इ कोनी आवै।
दूजौ मुळक्यौ, ''म्हंनै तौ हिन्दुस्तान री बोली आवै, हिन्दुस्तानी बडा कुचमादी आकड़-आकड़नै फिरै....।
अेक मुसळमांन पागल नहांवतौ-नहांवतौ 'पाकिस्तान जिन्दाबाद रौ नारौ इत्तै जोर सूं लगायौ कै आंगणै माथै तिसलणै पड़îौ अर बेचेत हुयग्यौ। केर्इ पागल अैड़ा-र्इ हा, जका पागल कोनी हा। इणां मांय घणा अैड़ा कातिल हा, जकां रा रिस्तैदार अफसरां नै कीं दे-दिवायनै पागलखांनै भरती करवा दीन्हा कै वै फांसी रै फंदै सूं बच जावै।

अै कीं-कीं समझै हा कै हिन्दुस्तान रौ बंटवारौ क्यूं हुयौ है अर पाकिस्तान के है, पण सगळी बातां सूं अै अणजांण हा। अखबारां संू कीं-र्इ ठाह नीं पड़ै अर पौरेदार सिपार्इ अणपढ़, जाहिल हा। वांरी बतळावण सूं वै कीं नतीजौ नीं काढ़ सकै हा। वांनै फगत इत्तौ-र्इ ठाह हौ कै अेक आदमी मुहम्मद अली जिन्ना है अर वींनै कायदे-आजम कैइजै। वीं मुसळमानां सारू अळगौ मुलक बणायौ है, जिणरौ नांव पाकिस्तान है। औ कठै है? इणरी गत के है? इणरै पेटै वै कीं नीं जांणै हा। औ-र्इ कारण है कै पागलखांनै मांयला वै सगळां पागल जकां रौ दिमाग पूरी भांत सूं खराब नीं हौ, इणी संसैपंजै मांय हा कै वै पाकिस्तान मांय है कै पछै हिन्दुस्तान मांय। जे हिन्दुस्तान मांय है तौ पाकिस्तान कठै है? अर जे वै पाकिस्तान मांय है तौ आ किंयां हुय सकै कै कीं बगत पैली वै अठै रैंवता तद वै हिन्दुस्तान मांय हा। अेक पागल तौ पाकिस्तान अर हिन्दुस्तान कै हिन्दुस्तान अर पाकिस्तान रै फेर मांय इस्यौ पड़îौ कै और बेसी पागल हुयग्यौ। बुहारी बुहारतौ-बुहारतौ अेक दिन दरखत माथै चढ़ग्यौ अर अेक डाळै बैठनै दो घंटां लगोलग भासण देंवतौ रैयौ, जकौ पाकिस्तान अर हिन्दुस्तान रै काचै मामलै माथै हौ। सिपाइîां वींनै हेटै आवणै रौ कैयौ तौ वौ बेसी ऊंचौ चढ़ग्यौ। डराइजौ-घुरकाइजौ तद वीं कैयौ, ''म्हैं नीं तौ हिन्दुस्तान मांय रैवणौ चावूं अर नीं पाकिस्तान मांय, म्हैं तौ इणी दरखत माथै रैयसूं।
डाढ़ा जतनां पछैै जद वीं रौ दोरौ कीं ठण्डौ पड़îौ तद वौ हेटै उतरîौ अर आपरै हिन्दू-सिक्ख भायलां रै गळै मिलनै रोवणै ढूक्यौ। इण सोच सूं वींरौ हियौ भरीजग्यौ कै वै उणनै छोडनै हिन्दुस्तान उठ जासी। 
अेक एम.एम.-सी. पास रेडियौ इंजीनियर, जकौ मुसळमांन हौ अर दूजां पागलां सूं जाबक अळगौ बाग री अेक खास डांडी माथै आखै दिन बोलबालौ हांडतौ रैंवतौ, वीं मांय औ बदळाव आयौ कै आपरा सगळा गाभा उतारनै बागवांन रै हवालै करîा अर नंग-धड़ंग समचै बाग मांय फिरणौ सरू कर दियौ।
अेक मोटै मुसळमांन पागल, जकौ मुसिलम-लीग रौ अेक सजोरौ कारजकरता रैयेड़ौ हौ, अर दिन मांय पन्दरा-सोळह बरियां नहांवतौ, अेकोअेक नवी बांण छोड दीन्ही। उणरौ नांव मोहम्मद अली हौ। पण वीं अेक दिन आपरै जंगळै सूं हेलौ कर दियौ कै वौ कायदे-आजम मुहम्मद अली जिन्ना है। वींरी देखादेखी अेक सिक्ख पागल मास्टर तारासिंह बणग्यौ। नेड़ै हा, वीं जंगळै मांय माराकूटी नीं हुय जावै, आ सोचनै दोनुवां नै खतरनाक पागल बतायनै अळगा-अळगा बंद करीजग्या। 
लाहौर रौ अेक नौजवांन हिन्दू वकील हौ, जकौ मुहब्बत रै फेर मांयनै पड़नै पागल हुयग्यौ। जद वीं सुण्यौ कै अमृतसर हिन्दुस्तान मांय जासी तद वींनै खासौ दुख हुयौ। वीं स्हैर री अेक हिन्दू छोरी सूं वींरौ लगाव हुयग्यौ हौ। इंयां तौ छोरी वीं वकील नै ठोस्सौ दिखा दियौ हौ, पण दीवानगी री गत मांय वौ वींनै भूल्यौ नीं हौ। पण वौ सैंग मुसळमांन लीडरां नै गाळ काढ़तौ, जकां मिल-मिलायनै हिन्दुस्तान रा दो टुकड़ा कर दिया। वीं री हेजाळू हिन्दुस्तानी बणगी अर वौ पाकिस्तानी।
जद तबादलां री बात सरू हुर्इ तद वकील नै पागलां समझायौ कै वौ काळजौ छोटौ नीं करै, वींनै हिन्दुस्तान घालीजसी- वीं हिन्दुस्तान मांय, जठै वींरी हेजाळू बसै, पण वौ लाहौर छोडणौ नीं चावै हौ। इण डर सूं कै अमृतसर मांय वींरी प्रैकिटस कोनी चालै। योरोपियन वार्ड मांय दो ऐंग्लौ-इंडियन पागल हा। वांनै जद ठाह लाग्यौ कै हिन्दुस्तान नै आजाद करनै अंग्रेज बहीर हुयग्या तौ वांनै खासौ दुख हुयौ। वै ल्हुक-ल्हुकायनै घंटां तांणी इणी आफत पेटै बात करता रैया कै पागलखांनै मांय उणांरी हैसियत किण भांत री हुयसी- योरोपियन वार्ड रैयसी कै जासी। ब्रेकफास्ट मिलसी कै नीं! के ठाह वांनै डबल रोटी री ठौड़ ब्लडी इंडियन चपाती तौ नीं परोसीजै?

अेक सिक्ख हौ, जिणनै पागलखांनै मांय भरती हुयां पन्दरा बरस हुयग्या हा। हरेक बगत वींरी जबान सूं अजब-गजब सबद सुणीजता, ''ओ पड़ दी गिड़-गिड़ दी एक्स दी बेध्याना दी मुंग दी दाल आफ दी लालटेन। वौ नीं तौ दिन मांय सोंवतौ अर नीं रातनै। पौरांदारां रौ औ कैवणौ हौ कै पन्दरा बरसां रै इण लाम्बै टैम मांय-र्इ वौ अेक छिण खातर नीं सोयौ। आडौ-र्इ नीं हुंवतौ। जरूर कदै-कदै किणी भींत रै स्हारै टेक जरूर लगा लेंवतौ। आखै बगत खड़îौ रैवणै सूं वींरा पग सूजग्या। पींडी-र्इ फूलगी, पण इण डीलदुख रै पछै-र्इ सोयनै स्हारौ नीं लेवणौ चांवतौ। हरेक बगत खड़îौ रैवणै सूं हिन्दुस्तान, पाकिस्तान अर पागलां रै तबादलै रै पेटै जदै-कदै बंतळ हुंवती तौ वौ ध्यांन सूं सुणतौ। कुण-र्इ वींसूं बूझतौ कै वींरौ के मत्तौ है तौ बडै डूंगै भाव सूं उथळौ देंवतौ, ''ओ पड़ दी गिड़-गिड़ दी एक्स दी बेध्याना दी मुंग दी दाल आफ दी पाकिस्तान गर्वनमेंट।
पण पछै 'आफ दी पाकिस्तान गवर्नमेंट री ठौड़ 'आफ दी टोबा टेकसिंघ ले लीन्ही अर दूजा पागलां सूं बूझणौ सरू करîौ कै टोबा टेकसिंघ कठै है, कठै रैयसी? पण किन्नै-र्इ ठाह नीं हौ कै वौ पाकिस्तान मांय है कै हिन्दुस्तान मांय। जका बतावणै री आफळ करता वै खुद इणी संसपंजै मांय पज जावता कै स्यालकोट पैलां हिन्दुस्तान मांय हुंवतौ, पण अबै सुणां हां कै पाकिस्तान मांय है। के ठाह कै लाहौर जकौ अबै पाकिस्तान मांय है, कालै हिन्दुस्तान मांय उठज्या कै पछै सगळौ हिन्दुस्तान-र्इ पाकिस्तान बणज्या अर आ-र्इ कुण छाती माथै हाथ मेलनै कैय सकै कै हिन्दुस्तान अर पाकिस्तान दोनूं किणी दिन समचा-र्इ नीं गमज्या।
सिक्ख पागल रा बाळ उडनै खासा कमती रैयग्या हा। पण वौ कमती-र्इ नहांवतौ, दाढ़ी अर बाळ आपोपरी मांय रळग्या हा, जिण कारणै वींरौ उणियारौ डरावणै जोग हुयग्यौ हौ। पण वौ आदमी किणीनै घाटौ नीं पूगावतौ। पन्दरा बरसां मांय वीं किणी-सूं राड़-झोड़ नीं करîौ। पागलखांनै मांय जका जूना नौकर हा, वै वींरै पेटै इत्तौ जांणै हा कै टोबा टेकसिंघ मांय उणरी केर्इ जमीनां ही। खांवतै-पींवतै घर रौ हौ कै चांणचकै-र्इ दिमाग पळटग्यौ। वींरा रिस्तैदार लोह री मोटी-मोटी सांकळा सूं बांधनै लाया हा अर पागलखांनै भरती कराग्या।
म्हीनै मांय अेकर वै मिलणै आंवता अर वींरी राजी-खुसी री बूझनै जांवता। लाम्बै बगत सूं आ गत चालै ही। पण जद पाकिस्तान-हिन्दुस्तान री गड़बड़ सरू हुयगी तौ वांरौ आंवणौ बन्द हुयग्यौ।
वींरौ नांव बिशनसिंह हौ, पण उणनै टोबा टेकसिंघ कैंवता। वींनै जाबक नीं ठाह हौ कै दिन कुणसौ है, म्हीनौ कुणसौ है कै कित्ता बरस बीतग्या....। पण हरेक म्हीनै जद उणरै घरवाळा अर रिस्तैदार वींसूं मिलनै आंवता तद वींनै मत्तौमत्त ठाह लाग जांवतौ। पण वौ अेक पौरैदार सूं कैंवतौ कै वींरी मुलाकात आवै। वीं दिन वौ चोखी भांत नहांवतौ, डील माथै खूब साबण रगड़तौ अर सिर मांय तेल लगायनै कांगसियौ फेरतौ। आपरा गाभा, जकां नै वौ कदै नीं बरततौ, कढ़वांवयनै पैरतौ अर इंयां सजधजनै मिलणियां कन्नै जांवतौ। वै उणसूं कीं बूझता तौ वौ बोलबालौ रैंवतौ के कदै-कदै 'ओ पड़ दी गिड़-गिड़ दी एक्स दी बेध्याना दी मुंग दी दाल आफ दी लालटेन कैंय देंवतौ।
वींरै अेक बेटी ही, जकी हरेक म्हीनै अेक-अेक आंगळ बधती-बधती पन्दरा बरसां मांय जवान हुयगी। बिशन सिंह वींनै पिछाणतौ-र्इ नीं। वा तद टाबर ही, तद-र्इ आपरै बाप नै देखनै रोंवती। जवान हुर्इ, तद-र्इ वींरी आंख्यां मांयनै आंसूं बैंवता। 
पाकिस्तान अर हिन्दुस्तान रौ जिकर सरू हुयौ कै टोबा टेकसिंघ कठै है? जद जीसोरै रौ उथळौ नीं मिल्यौ तौ वींरी रळक दिनूंदिन बधती गर्इ। अबै मिलणै वाळा-र्इ नीं आवै। पैलां तौ वींनै मत्तौमत्त ठाह पड़ जांवतौ कै मिलणै सारू आवै है, पण अबै जाणै वींरै काळजै री बोली बन्द हुयगी हुवै, जकी उणनै वांरै आवणै री खबर दे-देंवती।
वींरौ बहोत जी करतौ कै वै मिलणियां आवै, जका उणसूं हेत करता अर उणरै खातर फळ-मिठार्इ अर गाभा लांवता। वौ जे उणांनै बूझतौ कै टोबा टेकसिंघ कठै है तौ वै पक्कौ बता देंवता कै पाकिस्तान मांय है कै हिन्दुस्तान मांय, क्यूकै वींरौ पक्कौ मत्तौ हौ कै वै टोबा टेकसिंघ सूं-र्इ आवै, जठै वींरी जमीन है।
 पागलखांनै मांय अेक पागल अैड़ौ-र्इ हो जकौ खुदनै खुदा कैंवतौ। उणसूं अेक दिन जद बिशनसिंह बूझîौ कै टोबा टेकसिंघ पाकिस्तान मांय है कै हिन्दुस्तान मांय, तौ वीं आपरी बांण पेटै ठरकौ लगायौ अर कैयौ, ''वौ नीं पाकिस्तान मांय है अर नीं हिन्दुस्तान मांय, इण कारणै कै म्हैं हाल तांणी हुकम नीं दियौ। बिशनसिंह उण खुदा री केर्इ बरियां मांन-मनवार करी अर कैयौ कै वौ हुकम दे देवै जिण कारणै टंटौ मिटै, पण वौ खासौ बिजी हौ, क्यूंकै उणनै और-र्इ अणगिणत हुकम देंवणा हा। अेक दिन आखतौ हुयनै वौ उण माथै ताचक्यौै, ''ओ पड़ दी गिड़-गिड़ दी एक्स दी बेध्याना दी मुंग दी दाल आफ वाहे गुरु जी दा खालसा, एंड वाहे गुरुजी दी फतह- जौ बोलै सौ निहाल-सत सत स्री अकाल।
वींरौ मतलब स्यात ओ-र्इ हौ कै थूं मुसळमांनां रौ खुदा है- सिक्खां रौ खुदा हुंवतौ तौ जरूर म्हारी सुणतौ।
तबादलै रै केर्इ दिन पैलां टोबा टेकसिंघ रौ अेक मुसळमांन, जकौ उणरौ भायलौ हौ, मिलणनै आयौ। पैलां वौ कदै नीं आयौ हौ। जद बिशन सिंह उणनै देख्यौ तौ अेक कांनीनै अळगौ हुयग्यौ अर पाछौ जांवणै लाग्यौ। पण सिपाइîां थाम्यौ, ''औ थांरै सूं-र्इ मिलणै आयौ है- थांरौ भायलौ फजलुददीन है।
बिशन सिंह अेक निजर ऊंचाय फजलुददीन नै देख्यौ अर कीं बड़बड़ावणै लाग्यौ। फजलुददीन आगीनै बधनै वींरै कांधै ऊपरां हाथ धरîौ, ''म्हैं खासा दिनां सूं सोचै हौ कै थांरै सूं मिलूं पण मिलणै सारू फुरसत-र्इ नीं लाधी, थांरां सगळा हेताळू राजी-खुसी हिन्दुस्तान उठग्या। म्हारै सूं जित्ती इमदाद हुयी, म्हैं करी- थांरी बेटी रूपकौर.....।
वौ कीं कैंवतौ-कैंवतौ थम्यौ। बिशन सिंह कंी चेतै करणै लाग्यौ, ''बेटी रूपकौर?
फजलुददीन कीं डटनै कैयौ, ''हां....वा-र्इ अबै ठीकठाक है। .....वांरै साथै-र्इ गर्इ परी।
बिशन सिंह बोलबालौ रैयौ। फजलुददीन कैवणौ सरू राख्यौ, ''वां म्हानै कैयौ हो कै थांरी राजी-खुसी री बूझतौ रैवूं। अबै म्हैं सुण्यौ कै थूं हिन्दुस्तान जावै- भार्इ बलवीर सिंह अर भार्इ बधावा सिंह नै म्हारौ सलांम कैयी अर भैण अमृतकौर नै-र्इ। भार्इ बलवीर सिंह सूं कैयी कै फजलुददीन राजी-खुसी है। दो भूरती भैंस, जकी वै छोडनै गया हा, उण मांयली अेक पाडौ दीन्हौ है, दूजी पाडी दीन्ही ही पण वा छह दिनां री हुयनै मरगी। अर म्हारै लायक खिदमत हुवै, कैवै। हर बगत त्यार हूं। अर अै थांरै सारू थोड़ा-सा मरुंडा लायौ हूं।
बिशन सिंह मरुंडै रौ थैलौ लेयनै कन्नै खड़îै सिपार्इ नै दे दीन्हौ अर फजलुददीन सूं बूझîौ, ''टोबा टेकसिंघ कठै है?
''टोबा टेकसिंघ? उण कीं इचरच सूं कैयौ, ''कठै है? वठै-र्इ है, जठै हौ।
बिशन सिंह बूझîौ, ''पाकिस्तान मांय कै हिन्दुस्तान मांय?
''हिन्दुस्तान मांय......नीं-नीं, पाकिस्तान मांय। फजलुददीन ऊकचूक-सौ हुयग्यौ।
बिशन सिंह बड़बड़ांवतौ-सौ चाल पड़îौ, ''ओ पड़ दी गिड़-गिड़ दी एक्स दी बेध्याना दी मुंग दी दाल आफ दी पाकिस्तान ऐंड हिन्दुस्तान आफ दी दुर फिटटे मुंह।
तबादलां री त्यारी हुयगी ही। अठीनै सूं वठीनै अर वठीनै सूं अठीनै आवणै वाळै पागलां री लिस्ट पूगगी ही अर तबादलां री तारीख-र्इ पक्की करीजगी ही। तगड़ौ पाळौ हौ। लाहौर रै पागलखांनै सूं हिन्दू-सिक्ख पागलां सूं भरीजेड़ी गाडîां पुलिस री टुकड़ी साथै बहीर हुयी। जुड़îोड़ा अफसर-र्इ साथै हा। बाघा रै बार्डर ऊपरां दोनूं कानीला सुपरिन्टेंडेंट अेक-दूजै सूं मिल्या अर सरूवाती कार्रवार्इ पूरी हुवणै पछै तबादला सरू करîा, जका आखी रात चालता रैया।
पागलां नै गाडी सूं बारै उतारणौ अर उणांनै दूजै अफसरां नै सूंपणौ खासौ अबखौ कांम हौ। केर्इ तौ बारै निसरै-र्इ नीं हा, जका निसरनै त्यार हुवै, वांनै संभाळनौ अबखौ, क्यंूकै अठीनै-वठीनै ततातोड़ी दे जावै। जका नागा हा, वांनै गाभा पैराइजै तौ वै फाड़नै आपरै डील सूं अळगा कर न्हाखै। केर्इ गाळ काढ़ै तौ केर्इ गाणा गावै। आपोपरी मांय लड़ै अर रोवै-कूकै, बकै। कांनां बोली नीं सुणीजै। बावळी लुगाइîां रौ रोळौ अळगौ अर ऊपर सूं पाळौ इत्तौ जबरौ कै दांत बाजै।
घणकरा पागल इण तबादलै नै चावै-र्इ नीं हा। इणरौ कारण वांरै समझ मांय नीं आवै हौ कै वांनै आपरी ठौड़़ सूं उखाड़नै कठै क्यूं फेंकीजै। कमती जका औ सोच-समझ सकै हा, 'पाकिस्तान जिन्दाबाद रा नारा लगावै हा। दो-तीन बरियां राड़ हुंवती-हुंवती थम्मी, क्यूंकै केर्इ हिन्दुस्तानी अर सिक्खां नै अै नारा सुणनै रीस आयगी।
जद बिशन सिंह री बारी आर्इ अर जद वींनै दूजै पासै घालणै रै पेटै अफसर लिखा-पढ़ी करणै लाग्या तद वीं बूझîौ, ''टोबा टेकसिंघ कठै है? पाकिस्तान मांय कै हिन्दुस्तान मांय?
जुड़îोड़ौ अफसर हांस्यौ अर बोल्यौ, ''पाकिस्तान मांय।
आ सुणनै बिशन सिंह उछळनै अेक पासै हुयौ अर भाजनै आपरै सगळा भायलां कन्नै पूगग्यौ। पाकिस्तानी सिपाइîां वींनै पकड़ लीन्हौ अर दूजै पासै ले जावणै लाग्या, पण वौ चालणै सारू नटग्यौ, ''टोबा टेकसिंघ कठै है? अर जोर-जोर संू रोळौ घाल लियौ, ''ओ पड़ दी गिड़-गिड़ दी एक्स दी बेध्याना दी मुंग दी दाल आफ टोबा टेकसिंघ ऐंड पाकिस्तान।
वींनै खासौ समझाइजौ, ''देख, टोबा टेकसिंघ अबै हिन्दुस्तान मांय गयौ परौ- जे नीं गयौ है तौ वींनै हाथूंहाथ घालीजसी। पण वौ नीं मान्यौ। जद जोरामरदी दूजै पासै ले जावणै री आफळ करीजी तौ वौ बिचाळै अेक ठौड़ आपरी सूज्योड़ी टांगां सूं इण भांत खड़îौ हुयग्यौ, जांणै अबै वींनै कोर्इ ताकत वठै सूं अळगौ नीं कर सकै। क्यूंकै आदमी भलौ हौ, इणी कारणै वींरै साथै जोरामरदी नीं करीजी, वींनै वठै-र्इ खड़îौ छोडनै और दूजा कांम हुंवता रैया।
सूरज उगाळी हुवणै सूं पैलां बोलबालै खड़îै बिशन सिंह रै गळै सूं अेक आभैपाड़ चिरळी निसरी। अठीनै-वठीनै सूं केर्इ अफसर भाजनै आया अर देख्यौ कै वौ आदमी, जकौ पन्दरा बरसां तांणी दिन-रात आपरी टांगां ऊपरां खड़îौ रैंवतौ, मुंधौ पड़îौ हौ। अठीनै कांटाळा तारां रै लारै हिन्दुस्तान हौ- वठीनै वैड़ा-र्इ कांटाळा तारां रै लारै पाकिस्तान। बिचाळै जमीन रै उण टुकड़ै ऊपरां, जिणरौ कीं नांव नीं हौ, टोबा टेकसिंघ पड़îौ हौ।


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